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डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने एक से 18 जनवरी के बीच शेयर बाजारों से 3,987 करोड़ रुपये और ऋण बाजार से 53 करोड़ रुपये की निकासी की। इस प्रकार उन्होंने भारतीय पूंजी बाजार से कुल 4,040 करोड़ रुपये की निकासी की। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को लेकर एफपीआई का ‘इंतजार और नजर रखने’ वाला रुख बरकरार रहेगा। उनकी नजर अब आगामी बजट, आर्थिक वृद्धि दर और आम चुनावों पर टिकी होगी। ऑनलाइन म्यूचुअल फंड निवेश मंच ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि और डॉलर में अस्थिरता के चलते 2019 में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है, लेकिन भारतीय बाजार इस झटके को झेल लेगा।